World Soil Day 2022: जानिए क्या है इतिहास, किस थीम के साथ मना रहे हैं आज विश्व मृदा दिवस
World Soil Day 2022:खाद्य एवं कृषि संगठन United Nations Food and Agriculture Organization द्वारा वर्ल्ड सॉयल डे बढ़ती पापुलेशन की वजह से मिट्टी के कटाव को कम करने की दिशा में काम करने, लोगों को उपजाऊ मिट्टी के बारे में जागरूक करने तथा संसाधन के रूप में मिट्टी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
World Soil Day
World Soil Day
World Soil Day 2022: जिस तरह पानी के बिना जीवन की कल्पना मुमकिन नहीं है ठीक उसी तरह मिट्टी का भी बहुत महत्व है. भारत की आधी से ज़्यादा आबादी कृषि पर निर्भर करती है. लेकिन खेतों में किसानों द्वारा बहुत ज़्यादा केमिकल वाले खाद और कीटनाशक दवाइयों के इस्तेमाल की वजह से मिट्टी की क्वालिटी में कमी आ रही हैं. जो की खाद्य सुरक्षा, पेड़-पौधों के विकास, कीड़ो और जीवों के जीवन और आवास व मानव जाति के लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकता है. ऐसे में मिट्टी का संरक्षण बहुत ज़रूरी हो गया है. इसलिए हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है.
खाद्य एवं कृषि संगठन United Nations Food and Agriculture Organization द्वारा वर्ल्ड सॉयल डे बढ़ती पापुलेशन की वजह से मिट्टी के कटाव को कम करने की दिशा में काम करने, लोगों को उपजाऊ मिट्टी के बारे में जागरूक करने तथा संसाधन के रूप में मिट्टी के स्थायी प्रबंधन की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. करीब 45 साल पहले भारत में ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ की शुरआत हुई थी. पीएम मोदी भी मिट्टी बचाने के उपायों पर 5 प्वॉइंट्स पर फोकस करने की बात कह चुके है.
क्या है मिट्टी का महत्व
मिट्टी जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, यह भोजन, कपड़े, घर, दवा समेत जीवन के चार प्रमुख साधनों का स्रोत है. इसी वजह से मिट्टी के संरक्षण पर ध्यान देना ज़रूरी है. मिट्टी एक पौधे के विकास के लिए माध्यम और अन्य जीवों का घर है. साथ ही यह पानी और गैस दोनों के रखरखाव में एक फिल्ट्रेशन सिस्टम की तरह भी काम करती है. पेड़ों की बेइंतहा कटाई से इनकी संख्या तो कम हो ही रही है. साथ ही पेड़ों की जड़ें जो मिट्टी को बांधकर रखती हैं, पेड़ कम होने की वजह से अब बाढ़, तेज़ बारिश या तूफानी हवाओं से प्राकृतिक आपदाएं भी आ रही हैं जो अपने साथ उपजाऊ मिट्टी बहा ले जाती हैं. इसलिए, मिट्टी के नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 5 दिसंबर को वर्ल्ड सॉयल डे मनाया जाता है.
वर्ल्ड सॉयल डे का इतिहास
TRENDING NOW
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
मल्टीबैगर Railway PSU के लिए खुशखबरी! बाजार बंद होने के बाद मिला ₹837 करोड़ का ऑर्डर, स्टॉक पर रखें नजर
2002 में अंतरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ (IUSS) द्वारा वर्ल्ड सॉयल डे को मनाने की सिफारिश की गई थी. एफएओ (FAO) सम्मलेन में 20 दिसंबर 2013 में 68वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में इससे मनाने की आधिकारिक घोषणा की गई थी.
5 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?
थाईलैंड के महाराजा स्व. एच.एम भूमिबोल अदुल्यादेज ने अपने कार्यालय में उपजाऊ मिट्टी के बचाव के लिए काफी काम किया था. उनके इसी योगदान को देखते हुए हर साल उनके जन्म दिवस के अवसर पर यानी 5 दिसंबर को वर्ल्ड सॉयल डे के रूप में समर्पित करते हुए उन्हें सम्मानित किया गया. इसके बाद से हर साल 5 दिसंबर को वर्ल्ड सॉयल दिवस मनाने की परम्परा शुरू हो गई.
क्या इस बार का थीम?
वर्ल्ड सॉयल डे 2022 का थीम है “ सॉयल- वेयर फ़ूड बेगिन्स”. इस साल इस तथ्य पर जोर दिया गया है कि मिट्टी में मिनरल्स, जीव और खनिज, जीव और काफी बायोलॉजिकल कंपोनेंट्स होते हैं जो मनुष्यों और जानवरों के भोजन का आधार होते है. तो अगर उनका बचाव पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये संपूर्ण संसार के लिए खतरा पैदा कर सकता है.
01:03 PM IST